अतरैला । किसानों की सबसे बड़ी समस्या इस समय पर आवारा पशुओं की है आवारा पशुओं से किसानों का जीवन अस्त-व्यस्त हो रहा है ना ही कोई ठीक सो पा रहा है और ना ही कोई ठीक से फसल को बचा पा रहा है दिन और रात इस खेती को बचाने के लिए किसान जग रहे हैं । फिर भी आवारा जानवर नुकसान कर ही देते है । इस समस्या पर कई बार विधायक , सांसद या अन्य अधिकारियों को बताया गया लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्यवाही या ठोस काम इस क्षेत्र पर नहीं किया गया । इस समस्या का समाधान गांव वालों ने खुद निकाला है जंगल के किनारे एक बाड़ बनाकर के वहां पर सभी जानवरों को शाम होते ही ले जा कर के बंद कर देते हैं सुबह जाकर कोई खोल देते दिन भर खुले रहते हैं इसके बाद शाम को उसको फिर बंद कर देते हैं इस समस्या से लगातार समाधान पूर्ण रूप से नहीं निकल रहा है फिर भी कुछ आराम है । सरकार यदि इस मुद्दे को गंभीर नहीं लेती है तो किसानों के ऊपर बहुत बड़ी समस्या आएगी और किसान विवश होकर आत्महत्या की ओर अग्रसर हो जाएगा। कई बार ऐसे देखा गया है किसान खेती करना बंद कर रहे हैं तराई अंचल में पूरे क्षेत्र में देखा जाए तो बहुत सी उपजाऊ जगह में किसानों ने खेती करना बंद कर दिया है वजह यही है की आवारा पशुओं से उनकी किसानों को बहुत ही क्षति होती है इसलिए किसानों ने खेती करना बंद कर दिया यदि सरकार द्वारा जल्द ही कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो एक गंभीर परिणाम होंगे सरकार के लिए भी और किसानों के लिए भी । इसलिए सरकार से निवेदन है कि जितनी जल्दी इस समस्या का समाधान निकालें ताकि किसान चैन की नींद आ सके।
रोहित सिंह जोड़ावरपुर
आवारा पशुओं के किसान त्रस्त किसान छोड़ रहे है किसानी करना